महामन्त्र
ओउम् ब्रह्म सत्यं निरंकार अजन्मा अद्वैत पुरखा सर्वव्यापक कल्याणमूरत परमेश्वराय नमस्तं
सर्व रूप ओंकार
अनन्त शक्ति, परम तत्व
सदा एकरस
आकार से रहित
जन्म से रहित
केवल रूप
परम चेतन सत्ता
सब में व्यापत
परमानन्द स्वरूप और स्त्रोत
ऐसे परम ईश्वर, बड़े मालिक को
नमस्कार हो